ओ3म् अन्नपतेSन्नस्य नो देह्यनमीवस्य शुष्मिणः/
प्र प्रदातारं तारिष ऊर्ज्जं नो धेहि द्विपदे चतुष्पदे //
ओ3म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः ! - यजुर्वेद ११.८३
नानाविध अन्नों के दाता, सब विध अन्न प्रदान करो,
रोग रहित और पुष्टि कारक, अन्न दे ओज प्रदान करो /
अन्न दाता के मंगल कर्ता, ऐसा प्रभु विधान करो
प्राणी मात्र सब पायें भोजन, सबको (सुख-) शान्ति प्रदान करो //
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