शिवनामावल्यष्टकं

शिवनामावल्यष्टकं



हे चन्द्रचूड मदनान्तक शूलपाणे 
स्थाणो गिरीश गिरिजेश महेश शंभो || 
भूतेश भीतभयसूदन मामनाथं 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||१||
 
हे पार्वतीहृदयवल्लभ चन्द्रमौले 
भूताधिप प्रमथनाथ गिरीशचाप || 
हे वामदेव भव रुद्र पिनाकपाणे
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||२||

हे नीलकण्ठ वृषभध्वज पञ्चवक्त्र
लोकेश शेषवलय प्रमथेश शर्व ||
हे धूर्जटे पशुपते गिरिजापते मां 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||३||

हे विश्वनाथ शिव शंकर देवदेव 
गङ्गाधर प्रमथनायक नन्दिकेश || 
बाणेश्वरान्धकरिपो हर लोकनाथ 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||४||

वाराणसीपुरपते मणिकर्णिकेश वीरेश 
दक्षमखकाल विभो गणेश || 
सर्वज्ञ सर्वहृदयैकनिवास नाथ 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||५||

श्रीमन्महेश्वर कृपामय हे दयालो 
हे व्योमकेश शितिकण्ठ गणाधिनाथ || 
भस्माङ्गराग नृकपालकलापमाल 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||६||

कैलासशैलविनिवास वृषाकपे हे 
मृत्युंजय त्रीनयन त्रिजगन्निवास ||
नारायणप्रिय मदापह शक्तिनाथ 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||७||

विश्वेश विश्वभवनाशक विश्वरूप 
विश्वात्मक त्रिभुवनैकगुणाधिकेश || 
हे विश्वनाथ करुणामय दीनबन्धो 
संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ||८||

गौरीविलासभवनाय महेश्वराय 
पञ्चाननाय शरणागतकल्पकाय || 
शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै 
दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ||९||

इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य 
श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य 
श्रीमच्छंकरभगवतः कृतौ शिवनामावल्यष्टकं संपूर्णम् || 

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